
नागपुर. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार के गिरने के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व को एकनाथ शिंदे को नया मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था. फडणवीस ने यह भी स्वीकार किया कि वह उप मुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया. फडणवीस ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का मानना था कि उन्हें सरकार का हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि ‘संविधानेतर प्राधिकार’ के माध्यम से सरकार चलाना सही नहीं होगा.
संवाददाताओं से यहां बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 2019 का चुनाव जीता था, लेकिन जनादेश ‘चुरा’ लिया गया और एक अनैतिक सरकार बनी. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र मे ढाई साल सरकार नहीं थी. भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री जेल जा रहे थे. दाऊद से संबंध के आरोप में मंत्री सलाखों के पीछे थे, फिर भी उन्हें कैबिनेट से नहीं निकाला गया.” उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी पार्टी और शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना का गुट ‘सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समान विचारधारा’ के लिए एक साथ आए हैं.
30 जून को एकनाथ शिंदे ने ली थी सीएम पद की शपथ
फडणवीस ने कहा, ‘हमारे नेता नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह और जेपी नड्डाजी और मेरी मंजूरी से (शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया)… यह कहना गलत नहीं होगा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव (भाजपा नेतृत्व के पास) मैं लेकर गया था और उन्होंने (नेतृत्व ने) इसे स्वीकार कर लिया.’ ज्ञात हो कि उद्धव ठाकरे के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद, शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
‘उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे फडणवीस’
उन्होंने कहा, ‘यह भी तय किया गया था कि मैं सरकार से बाहर रहूंगा, लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुझे फोन किया और कहा कि पार्टी ने (मुझे उपमुख्यमंत्री बनाने का) फैसला किया है. यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुझसे बात की थी.’ फडणवीस ने कहा कि वह उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे और उन्होंने मन बना लिया था कि वह बाहर से एकनाथ शिंदे सरकार की मदद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैंने अपने नेताओं के आदेश का पालन करते हुए अपना फैसला बदल दिया.’
‘ये सरकार पूरे ढाई साल चलेगी’
फडणवीस ने आगे कहा, “मुझे इस बात का कोई रंज नही है, खुशी है कि मेरी पार्टी को आवश्यकता थी तो मैंने शपथ ली, मैं पूरी ताकत के साथ एकनाथ शिंदे जी के साथ खड़ा हुं, वो यशस्वी होंगे, तो उसमें मेरी भी भूमिका होगी. अमित शाह जी इस पूरे दरम्यान चट्टान की तरह हमारे साथ रहे. ये सरकार पूरे ढाई साल चलेगी और नये सिरे से पूरे बहुमत लेकर वापस आयेगी.”
(इनपुट भाषा से भी)
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Tags: Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Shiv sena
FIRST PUBLISHED : July 05, 2022, 21:37 IST