कोरोना का पेप्टाइड टीका कमजोर रोग प्रतिरोधक तंत्र वाले मरीजों के लिए नया कवच हो सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये टीका ल्यूकेमिया, लिंफोमा, कैंसर मरीजों में उच्च स्तर का रोग प्रतिरोधक तंत्र विकसित करता है जो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाने में कारगर होगा। तो आइए सवाल जवाब के माध्यम से पेप्टाइड टीके के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सवाल: कोरोना की पेप्टाइड वैक्सीन किसने बनाई है?
जवाब: जर्मनी के तुबिंगने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पेप्टाइड तकनीक पर आधारित कोरोना का कोवैक-1 टीका तैयार किया है। परीक्षण का नतीजा अमेरिकल एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च (एएसीआर) की मंगलवार को हुई वार्षिक बैठक में पेश किया गया है।
सवाल: क्या होती है पेप्टाइड वैक्सीन कैसे करती है काम?
जवाब: कोवैक-1 पेप्टाइड वैक्सीन है। इसका मतलब ये है कि प्रोटीन के कण को सीधे इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। पेप्टाइड वैक्सीन वायरस के प्रोटीन के बहुत छोटे से हिस्से से बनती है। न की मृत वायरस या उसके प्रोटीन संरचाना से तैयार होती है।
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सवाल: कितने मरीजों पर किया गया है परीक्षण?
जवाब: पहले चरण में 14 मरीजों पर टीके का परीक्षण किया गया है जिन्हें बी-सेल डेफिसिएंसी थी, इसमें 12 मरीजों को ल्यूकेमिया और लिंफोमा था। परीक्षण में 46 से 85 वर्ष के लोग शामिल थे। इसमें 55 फीसदी पुरुष थे। छह माह तक टीके के प्रभाव का आकलन किया गया है।
सवाल: परीक्षण में क्या नतीजा निकला?
जवाब: वैज्ञानिकों के अनुसार 64 फीसदी मरीज जिन्हें पहले से मौजूद कोरोना का टीका लगा था उनमें एंटीबॉडीज नहीं बनी थीं। कोवैक-1 टीका लगने के 14 दिन बाद 71 फीसदी और 28 दिन बाद 93 फीसदी मरीजों में टी-कोशिका प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय होते देखा गया।
सवाल: बाजार में कब तक आने की उम्मीद?
जवाब: पेप्टाइड टीके का परीक्षण अभी पहले चरण में है और सीमित लोगों पर इसका परीक्षण हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार कम से कम दो चरण के परीक्षण के प्रारंभिक नतीजों के आने के बाद ही टीके को आपात स्थिति में मंजूरी मिल सकती है।
सवाल: जो बीमार नहीं उनपर टीके का क्या प्रभाव?
जवाब: कोवैक-1 टीका जब ऐसे लोगों को लगा जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर नहीं थी उनमें टी-कोशिका की सक्रियता अधिक देखी गई है। वैज्ञानिक इसी आधार पर टीके का दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण बडे़ पैमाने पर करने की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल: मौजूदा एमआरएनए टीकों से अलग कैसे?
जवाब: पेप्टाइड टीका कोरोना के मौजूदा एमआरएनए टीकों से पूरी तरह अलग है। एमआरएनए टीका मृत वायरस के कण या उसके प्रोटीन के बड़े हिस्से से बनता है। पेप्टाइड टीका वायरस के बहुत छोटे से प्रोटीन के हिस्से से तैयार किया गया है।
सवाल: टी और बी कोशिका क्या होती है?
जवाब: टी कोशिका सफेद रक्त कणिका होती है जो बोन मैरो में स्टेम सेल से बनती हैं। ये शरीर को संक्रमण से बचाती है। कैंसर कोशिकाओं से भी लड़ती है। बी-सेल वे कोशिकाएं होती हैं जो एंटीबॉडी बनाती हैं। ये प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होती हैं, इसे बी लिंफोसाइट भी कहते हैं।