सिगनल एप अस्ल में, एक तरह का चैटिंग और डेटा शेयरिंग एप है, जिसे यूज़र वॉट्सएप की तरह ही इस्तेमाल कर सकते हैं. अब तक जो रिपोर्ट्स आई हैं, उनके मुताबिक वॉट्सएप की तुलना में सिगनल में कुछ अतिरिक्त फीचरों के साथ ही सेफ्टी बेहतर है. इस एप के सह संस्थापक मोक्सी की कहानी भी लगातार कई एक्स्ट्रा उपलब्धियों के जुड़ते जाने की कहानी है.
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करियर की शुरूआत से ट्विटर तकअमेरिका के जॉर्जिया के एक टीनेजर के तौर पर मोक्सी ने सैन फ्रांसिस्को की कई टेक कंपनियों में धक्के खाए. सॉफ्टवेयर की दुनिया में कई जगह काम करने के बाद 2010 में मोक्सी व्हिस्पर सिस्टम्स के सह संस्थापक और चीफ टेक अफसर बन चुके थे. उस वक्त भी मोक्सी की कंपनी एंड टू एंड एनक्रिप्टेड मैसेजिंग और कॉलिंग के लिए टेक्स्ट सिक्योर और रीडफोन का इस्तेमाल कर रही थी.
इस कंपनी की गुणवत्ता इतनी अच्छी थी कि 2011 में ट्विटर ने इसे ले लिया था. इसका नतीजा यह हुआ कि मोक्सी ट्विटर एप में साइबर सिक्योरिटी के प्रमुख बनाए गए.

मोक्सी मार्लिनस्पाइक की तस्वीर विकिकॉमन्स से साभार.
एक उद्यमी बनने की चाह
अपनी कंपनी अपनी ही होती है. उद्यमी बनने का यह जुनून मोक्सी के भीतर रहा इसलिए उन्होंने 2103 में ट्विटर को छोड़ा और फिर सिगनल प्रोटोकॉल के नाम से अपना काम शुरू किया. 2015 में टेक्स्टसिक्योर और रीडफोन को मिलाकर एक एप्लीकेशन सिगनल बनाई. इसके साथ ही, मोक्सी अपने साथी ट्रेवर के साथ मिलकर गूगल, वॉट्सएप और एफबी मैसेंजर के लिए बेहतर सुरक्षित प्लेटफॉर्म देने के लिए भी काम करते रहे.
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इसके बाद 2018 में वॉट्सएप के सह संस्थापक एक्टन के साथ मिलकर मोक्सी ने सिगनल फाउंडेशन लॉंच की. यहां से सिगनल एप की लोकप्रियता में इजाफा शुरू हुआ. अब उद्यमी, सिक्योरिटी रिसर्चर और क्रिप्टोग्राफर मोक्सी यूज़रों और सरकारों के लिए कम्युनिकेशन सिस्टम से जुड़े कई सवालों का जवाब दे चुके हैं. मोक्सी की फिलॉसफी यूज़र के डेटा की सुरक्षा को इस तरह बताती है :

किस तरह विवाद में रहे मोक्सी?
डेटा सिक्योरिटी यानी यूज़र की सूचनाओं को सुरक्षित कम्युनिकेशन देने का दूसरा पहलू यह है कि इससे क्या अपराधियों को मदद नहीं मिलेगी. इस पर मोक्सी का बेहद बेबाक स्टैंड रहा ‘हो सकता है कि इससे कानून तोड़ने में मदद मिले, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सिक्योरिटी या प्राइवेसी से समझौता किया जा सकता है. हम सबको कुछ न कुछ छुपाने की ज़रूरत होती ही है.’
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मोक्सी के इस स्टैंड से विवाद होते रहे हैं. एक्टन भी मोक्सी के समर्थन में कहते रहे हैं कि मोक्सी ने ‘वर्ल्ड क्लास’ सिस्टम दिया है, जो प्राइवेसी के क्षेत्र में एक बेहतरीन उपलब्धि रही है. दूसरी तरफ, सरकारें एफबी, एपल और वॉट्सएप की कानूनी प्राइवेसी डील के साथ कानूनी तौर पर उलझती रही हैं. सिगनल भी इन्हीं एप्स की तरह सरकार की पकड़ से अब तक दूर है.
अब सवाल यही है कि सिगनल के क्रिएटर मोक्सी को क्या सिस्टम विरोधी कहा जा सकता है? या फिर आधुनिक समय में उन्हें यूज़र प्राइवेसी के लिए हीरो माना जा सकता है? जब तक कोई कानूनी व्यवस्था किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती, तब तक आपको ही राय बनानी है.