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(दीपक शास्त्री) आरा2 घंटे पहले
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- इस प्रणाली से फसल की सिंचाई करने पर पानी की बर्बादी कम होती है साथ ही पैदावार में बढ़ोतरी होती है
भोजपुर जिले में पंजाब और हरियाणा के तर्ज पर खेतों की सिंचाई की जा रही है। खेतों में ड्रिपर पर लगाकर रबी फसल व अन्य सब्जी की फसल की सिंचाई किसानों ने शुरू कर दिया है। जिले में बिहिया, शाहपुर, उदवंतनगर, चरपोखरी, तरारी, कोइलवर, आरा प्रखंडों में यह सिंचाई प्रणाली शुरू है।
हालांकि इस क्षेत्र में अब तक मात्र 33 किसान ही इस प्रणाली को अपनाएं हैं। इस प्रणाली से सिंचाई करने पर पानी की बचत के साथ-साथ फसल उत्पादन भी बढ़ता है। इस प्रणाली से पानी की बर्बादी नही होती है। ड्रिपर से पानी निकलने के बाद पानी सीधे पौधे के जड़ तक जाता है।
जिससे पौधे को सीधे तरीके से फायदा पहुंचाता है। इससे पानी की बचत होती है और भूमिगत जल स्तर बना रहता है। खेत मे लगे फसल की सिंचाई करने के लिए किसान के लिए यह प्रणाली काफी फायदेमंद है। यह प्रणाली अपनाने से किसी प्राइवेट पंपिंग सेट वाले को खेत पटवन के लिए गुहार नहीं लगाना पड़ेगा। अपने खेत में बोरिंग या समरसेबल लगाकर ड्रिप सिस्टम लगाकर फसल की सिंचाई की जाती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए अबतक 34 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। जिसमें अबतक 30 किसान इस योजना का लाभ ले रहे है। किसान अपने खेतों में गेंहू, आलू, मटर, बैंगन, गोभी व अन्य फसलों की ड्रिप सिंचाई प्रणाली से कर रहे है।
इसके अलावा किसान खरीफ फसल में धान को छोड़कर सभी फसलों का सिंचाई कर सकते है। आरा प्रखंड के सैदपुर गांव राजेश कुमार ने बताया कि इस सिस्टम लगाने से खेत की सिंचाई करने में काफी सहूलियत हो रही है। इस सिस्टम से खेत में पानी की बर्बादी नहीं हो होती है। जिस पौधे को जितना पानी की आवश्यकता होती है। उतना ही पानी मिलती है।
योजना का टारगेट तय हुआ
यह योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 का है। सरकार ने जिला उद्यान विभाग को 638 एकड़ का टारगेट दिया है। जिसमें कृषि विभाग ने अबतक 34 एकड़ का काम हुआ है। विभाग टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन करते समय किसान से आधार कार्ड जमीन कागजात एलपीसी माना जाएगा। किसान सभी फार्म को भरकर सबमिट कर दें। इसके बाद विभाग वेरिफिकेशन करने के बाद योजना को स्वीकृति देंगे। विभाग किसान के खेत मे जाकर मशीन लगा देंगे। इसके बाद किसान सिंचाई शुरू कर सकते है।
^टारगेट को पूरा करने के लिए विभाग का भी प्रयास कर रहा है। हम लोग प्रतिदिन किसानों के खेत में या नए-नए साइट पर जाकर कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उम्मीद है वित्तीय वर्ष में यह योजना पूरा कर लिया जाएगा। जिस प्रखंड में यह सिंचाई व्यवस्था नहीं किया गया है। उसमें शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
मधु प्रिया, सहायक निदेशक उद्यान भोजपुर