
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को कहा कि वे मार्च में पास हुए जीएनसीटीडी अधिनियम (GNCTD Act) में “असंवैधानिक” संशोधनों के विरोध में 4 और 5 दिसंबर को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के शताब्दी समारोह (PAC Centenary Celebrations) का बहिष्कार करेंगे।
गोयल ने कहा कि राज्य विधानसभाओं में लोक लेखा समितियों के अध्यक्षों और विधानसभा अध्यक्षों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद की लोक लेख समिति के शताब्दी समारोह में दिल्ली विधानसभा का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। न तो मैं और ना ही दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति की अध्यक्ष आतिशी (मार्लेना) इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगी।
गोयल ने कहा कि वह इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखेंगे और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम में संशोधन करके दिल्ली विधानसभा समितियों की शक्तियों को प्रभावित करना चाहती है।
गोयल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने इस मामले पर कई प्लैटफॉर्मों के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए अब, अधिनियम में इन असंवैधानिक संशोधनों का विरोध करने के लिए हमने संसद की लोक लेखा समिति (लोक लेखा समिति) के 4 और 5 दिसंबर को होने वाले शताब्दी समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा समितियां पारदर्शिता स्थापित करने और सरकार और उसके विभागों के कार्यों पर नजर रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि GNCTD अधिनियम में संशोधन के माध्यम से केंद्र ने विधानसभा समितियों की इन शक्तियों को छीन लिया है।
इससे पहले अगस्त में गोयल ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा जीएनसीटीडी एक्ट के उस हिस्से को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, जिसमें विधानसभा समितियों की शक्तियों को छीना गया है। मार्च में संसद में पारित GNCTD संशोधन कानून, यह स्पष्ट करता है कि दिल्ली में सरकार का अब अर्थ लेफ्टिनेंट गवर्नर है। यह कानून दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी कार्रवाई से पहले उपराज्यपाल की राय लेना अनिवार्य बनाता है।