पटना2 घंटे पहलेलेखक: मधुरेश
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एक अनुमान के मुताबिक 500 से अधिक उत्पाद, बिहार ब्रांड के नाम पर ऑनलाइन मार्केट में उपलब्ध हैं।
कभी बाहर, बिहार का नाम लेने में सकुचाने वाले हम बिहारियों के लिए यह बहुत सुखद और फख्र की बात है कि पिछले 15 सालों में बिहार ब्रांड के नाम पर सालाना कारोबार, सैकड़ों-लाखों से ऊपर उठकर अब 1000 करोड़ को पार कर गया है। देश की सरहदों के पार 25 से अधिक देशों में भी बिहार ब्रांड के नाम पर लोग खरीददारी करते हैं।
हमारा मखाना हो, सिल्क हो या हमारा हैंडिक्राफ्ट …, एक अनुमान के मुताबिक 500 से अधिक उत्पाद, बिहार ब्रांड के नाम पर ऑनलाइन मार्केट में उपलब्ध हैं। ऑनलाइन शॉपिंग की सभी कंपनियां इसे बेच रहीं हैं। देसी खरीददारों में नई पीढ़ी के बिहारियों की तादाद खासी है। मानव सभ्यता के इतिहास में केंद्रीय हैसियत और सभी बड़े ग्रंथ में आदरणीय स्थान रखने वाले महान बिहार का नया मोड है। कुछ नमूने…
>‘जवानी जानेमन, हसीन ठेकुआ’, यह किसी नए चलताऊ गाने की लाइन नहीं है। डिजिटल दुनिया में, बिहार का ठेकुआ, वाकई बहुत हसीन है; लजीज है। इसे, इसी जॉर्गन या पंचलाइन से ग्लोबली बेचा जा रहा है।
> दूसरा सीन : कांधे पर बंदूक टांगे, खैनी मलते गब्बर सिंह चिल्ला रहे हैं-’ये हूडी मुझे दे दे ठाकुर।’ बगल में टंगे काले रंग की खूबसूरत हूडी पर बोल्ड में उजले रंग से लिखा है- ‘बिहार से हैं।’
जिस बिहार ने दुनिया को राह दिखाई
यह उस बिहार की नई जवानी है, जिसका इतिहास कमोबेश मानव सभ्यता-संस्कृति का इतिहास है; जिसने दुनिया को लोकतंत्र की अवधारणा से वाकिफ कराया; जिसने चंद्रगुप्त-सम्राट अशोक-बुद्ध-महावीर-वाल्मीकि-चाणक्य-आर्यभट्ट-गुरु गोविंद सिंह महाराज जैसे महानतम शख्सियतों के आचार-सिद्धांतों से लेकर नालंदा-विक्रमशिला विश्वविद्यालय के जरिए दुनिया को ज्ञान दिया; जिसने मोहन दास करमचंद गांधी को महात्मा बनाया। जो जेपी की संपूर्ण क्रांति का स्थल है।