
श्रीनगर. मोदी सरकार (Modi government) 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के विकास के लिए बड़े कदम उठा रही है. इसी सिलसिले में खाड़ी देशों के 30 से ज्यादा बिजनेसमैन का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर में व्यापार के अवसर तलाशने पहुंचा है. जनवरी में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) के UAE दौरे के बाद, उनके न्यौते पर यह हाई प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल 4 दिनों के श्रीनगर दौरे पर आया है. बिज़नेस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे सेंचुरी फाइनेंसियल के CEO बाल कृष्ण ने कहा कि विदेशी CEOs को कश्मीर आकर बहुत अच्छा लगा, और यह कश्मीर में निवेश की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें यहां इतना प्यार मिला जितना दुनिया में कहीं नहीं मिला, यह प्यार इनको बार बार यहां खींच लाएगा. बाल कृष्ण खुद जम्मू-कश्मीर के डोड़ा से हैं.
एक अन्य CEO अशोक कोटेचा ने कहा कि हम हॉस्पिटैलिटी, हॉस्पिटल में निवेश के साथ UAE के सुपरमार्केट के लिए कश्मीर से फलों के आयात पर ध्यान दे रहे हैं. कश्मीर आके हम बहुत प्रभावित हुए, लोगों का बहुत प्यार मिला. उन्होंने कहा कि सभी प्रतिनिधियों ने माना कि स्विट्जरलैंड जाने की ज़रुरत नहीं, हम यहीं जन्नत बनाएंगे. कश्मीर के सुरक्षा हालात पर कोटेचा ने कहा हमने लोगों को सड़कों पर सामान्य तौर पर घूमते देखा. हालात बिल्कुल सामान्य हैं. वहीं इस प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिंहा से सोमवार को डिनर पर मुलाकात की, जिसके बाद उपराज्यपाल ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर को सबसे पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
कश्मीर दौरे पर आए खाड़ी देशों के CEO को जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती से भी रूबरू कराया गया. सोमवार को यह प्रतिनिधिमंडल पहलगाम गया था, वहीं बुधवार को विदेशी बिजनेसमैन गुलमर्ग के दौरे पर जाएंगे जहां पर वह पर्यटन में निवेश की संभावना भी तलाश सकते हैं. श्रीनगर में न्यूज़18 से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव (उद्योग और वाणिज्य) ने कहा कि पिछले 75 सालों में हमारी इन्वेस्टमेंट 15000 करोड़ से कम थी, आज हमें एक साल के अंदर 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का कमिटमेंट मिल चुका है. इसमें 30 हज़ार करोड़ के इन्वेस्टमेंट की पीएम मोदी द्वारा अगले महीने में नींव रखेंगे. यह हवाई बातें नहीं, यह सब ज़मीन पर दिखाना शुरू हो जाएगा.
गौरतलब है कि UAE का पाकिस्तान पर खासा प्रभाव है और जानकार मानते हैं कि अगर UAE और सऊदी अरब कश्मीर में निवेश करते हैं तो पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भी उन्हें निशाना नहीं बना सकेंगे. वहीं जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां भी इस्लामिक देशों के निवेश पर उंगली उठाने से बचेंगी. दिलचस्प बात यह भी है कि UAE और सऊदी अरब के इस प्रतिनिधिमंडल का ये कश्मीर दौरा इस्लामाबाद में 22-23 मार्च को होने वाली OIC विदेश मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले हो रहा है.
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