
Shayari: ‘सर्दी में दिन सर्द मिला…’ Image Credit:Pexels/Ir-Solyanaya
Shayari: उर्दू शायरी (Urdu Shayari) में हर जज़्बात (Emotion) को पिरोया गया है. इसमें क़ुदरत के ख़ूबसूरत नज़ारों की बात की गई है, तो सर्दी के मौसम को भी बेहद ख़ूबसूरत अल्फ़ाज़ में ढाला गया है…
- News18Hindi
- Last Updated:
December 17, 2020, 5:06 PM IST
सख़्त सर्दी में ठिठुरती है बहुत रूह मेरी
जिस्म-ए-यार आ कि बेचारी को सहारा मिल जाए
फ़रहत एहसासतेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की
मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से
क़तील शिफ़ाई
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अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में
शोएब बिन अज़ीज़
ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते
उम्मीद फ़ाज़ली
वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियां हैं जाड़ों में
मुज़्तर ख़ैराबादी
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
मुहम्मद अल्वी
जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया
मां ने अपने लाल की तख़्ती जला दी रात को
सिब्त अली सबा
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गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए
सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया
बेदिल हैदरी
मेरे सूरज आ! मेरे जिस्म पे अपना साया कर
बड़ी तेज़ हवा है सर्दी आज ग़ज़ब की है
शहरयार
सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात
सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया
अतहर नासिक (साभार/रेख़्ता)